बैकलिंक्स कितने प्रकार के होते है । Types of Backlinks (2020)

Types of Backlinks (2020)

पहले backlinks दो तरह के हुआ करते थे। लेकिन फिर गूगल ने September 2019 में backlinks के दो नए types लॉन्च किये। अब कुल-मिलाकर 4 type के बैकलिंक्स हो चुके हैं-

1. डू-फॉलो बैकलिंक (Do-Follow Backlink)-

2. नो-फॉलो बैकलिंक्स (No-Follow Backlinks)-
3. यू.जी.सी बैकलिंक्स (Ugc Backlinks)-
4. स्पॉन्सर्ड बैकलिंक्स (Sponsored Backlinks)-

1. डू-फॉलो बैकलिंक (Do-Follow Backlink)-

इस बैकलिंक का जन्म गूगल के जन्म के साथ ही हुआ। डू-फॉलो backlinks को गूगल में rank करने के लिए सबसे powerful weapon माना जाता है।

डू-फॉलो बैकलिंक वे backlinks होते हैं जो गूगल को इशारा करते हैं कि बैकलिंक देने वाली साइट उस साइट पर पूरा भरोसा करती है जिसको वह backlink दे रही है। यानि backlink लेने वाली साइट trustworthy है और इस backlink को पूरी अहमियत दी जानी चाहिए।

इस तरह के बैकलिंक से backlink acceptor site को link juice (जिसके बारे में हम 

आगे जानेंगे) प्राप्त होता है जिससे उसकी गूगल rankings बढ़ती है।

इस तरह के बैकलिंक्स का attribution कुछ इस तरह होता है-

<a href=”https://yourwebsite.com”>Your Anchor Text</a>

2. नो-फॉलो बैकलिंक्स (No-Follow Backlinks)

अगर आप किसी गलत काम करने वाली वेबसाइट (जैसे- spammy site, child pornogrphy site) को do-backlink दे देते हैं तो इससे गूगल आपकी साइट को सजा दे सकता है।

अब मान लीजिए किसी कारण से आपको अपनी वेबसाइट में किसी गलत साइट का link देना पड जाता है तो आप क्या करेंगे?

इसके लिए गूगल ने साल 2005 में backlink का एक नया type लॉन्च किया जिसका नाम उन्होंने no-follow रखा। यानि गूगल उस link को follow नहीं करेगा। दूसरे शब्दों में कहें तो उस backlink से किसी भी वेबसाइट की ranking प्रभावित नही होगी और गूगल उसे कोई ज्यादा अहमियत नहीं देगा। वह लिंक सिर्फ और सिर्फ लोगों को उस वेबसाइट तक पहुंचाने का काम करेगा।

इस तरह के बैकलिंक से backlink acceptor site को link juice की प्राप्ति नहीं होती है और उसकी गूगल रैंकिंग्स पर ज्यादा कोई फरक नहीं पड़ता है।

विकिपीडिया जैसी साइट के सारे लिंक्स no-follow होते हैं। इस तरह के बैकलिंक्स का attribution कुछ इस तरह होता है-

 <a rel=”nofollow” href=”https://yourwebsite.com”>Your Anchor Text</a>

3. यू.जी.सी बैकलिंक्स (Ugc Backlinks)-

यह बैकलिंक का बहुत ही नया type है जिसे सितंबर 2019 में गूगल द्वारा द्वारा launch किया गया। UGC का पूरा नाम होता है- User Generated Content यानि यूजर द्वारा बनाया गया कंटेन्ट।

इस link type को बनाने के पीछे गूगल का मकसद यूज़रों के सोशल मीडिया कंटेन्ट और comments के द्वारा बनाए गए links को अलग करना था। इसका उपयोग इस attribute द्वारा अपनी वेबसाइट पर किया जा सकता है-

इस तरह के बैकलिंक्स कुछ इस तरह होता है-

Types of Backlinks
Types of Backlinks

4. स्पॉन्सर्ड बैकलिंक्स (Sponsored Backlinks)

कई बार बड़ी कंपनियां ब्लॉगर्स को उनके product का प्रचार करने के लिए पैसे देती हैं जिसके बदले में ब्लॉगर्स उनके प्रोडक्ट का प्रचार अपने ब्लॉग पर करते हैं।

इस तरह कई बार वे उस कंपनी की वेबसाइट को do-backlink देते हैं ताकि लोग उसपे जाकर product खरीद सके और साथ-ही-साथ गूगल में कंपनी की वेबसाइट की rankings भी बढ़ जाए।

लेकिन अब इसके लिए गूगल ने एक नया backlink type निकाला है जिसका नाम है- Sponsored Backlink. अब अगर आपको कभी भी किसी कंपनी का प्रचार करना हो तो आपको उसे do-follow के बजाय sponsored backlink देना है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो गूगल आपकी साइट को penalize कर सकता है।

इसके लिए आप अपने html code में इस attribute का प्रयोग कर सकते हैं-

 <a rel=”sponsored” href=”https://yourwebsite.com”>Your Anchor Text</a>

बैकलिंक से संबंधित प्रमुख शब्द (Backlink related Terms)-

ये कुछ शब्द हैं जिनका backlinks के साथ अक्सर जिक्र होता है। इन्हें अच्छे से समझें-

1. हाई क्वालिटी बैकलिंक्स (High Quality Backlinks)- गूगल अलग-अलग वेबसाइटों से मिलने वाले backlinks को अलग-अलग value देता है। बड़ी, लोकप्रिय और high domain authority वाली वेबसाइटों से मिलने वाले बैकलिंकों को High Quality Backlinks या सिर्फ Quality Backlinks कहा जाता है।

2. लो-क्वालिटी बैकलिंक्स (Low Quality Backlinks)- छोटी, कम लोकप्रिय और low domain authority वाली वेबसाइटों से मिलने वाले backlinks को Low Quality Backlink बोला जाता है।

3. लिंक ज्यूस (Link Juice)- बहुत ही आसान भाषा में बोलें तो link juice मतलब गूगल किसी link को कितना juice यानि कितनी value देता है। 

अगर backlink nofollow है तो link juice ना के बराबर मिलता है और अगर do-follow है तो काफी अच्छी मात्रा में लिंक जूस मिलता है। इसके अलावा किसी लिंक से कितना link juice निकलेगा यह backlink देने वाली साइट कितनी बड़ी है इस बात पे भी निर्भर करता है।

4. आंतरिक कड़ी (Internal Link)- वो लिंक जो किसी वेबसाइट की एक पोस्ट को उसी वेबसाइट की दूसरी पोस्ट से जोड़ता है, इन्टर्नल लिंक कहलाता है।

5. बाहरी कड़ी (Enternal/Outbound Link)- हमारी वेबसाइट पर जो दूसरी साइट का link मौजूद होता है उसे External या Outbound link कहते हैं।

6. लिंक बिल्डिंग (Link Building)- बैकलिंक्स से वेबसाइट की organic rankings पर बहुत ज्यादा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है इसी कारण बहुत सारे लोग अपनी वेबसाइट को गूगल में रैंक करवाने के लिए दूसरी साइटों से contact करके अपनी साइट के लिए backlinks बनवाते हैं। इस काम को Link Building कहा जाता है।

7. बैकलिंक प्रोफ़ाइल (Backlink Profile)- जिस तरह हमारी सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल में हमारी personal जानकारी मौजूद होती है ठीक उसी तरह हमारी साइट की backlink profile में उसके बैकलिंकों से संबंधित जानकारी मौजूद होती है। जैसे- उसे किस वेबसाइट से backlink मिला है और किस तरह का backlink मिला है।

हमारी वेबसाइट की बैकलिंक प्रोफ़ाइल से ये भी पता चलता है कि उसके कितने dofollow और कितने nofollow backlinks हैं। जिससे गूगल को उसे अपने सर्च में rank करने में आसानी होती है।

https://ahrefs.com/backlink-checker

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